एशिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की कृत्रिम झील राजसमंद में सर्दी के साथ ही प्रवासी पक्षियों ने दस्तक दे दी है. झील पर पहली बार फ्लेमिंगो, नॉर्दन पिंटेल, शोवेलर, पैलीकन, थिकनी पक्षियों का दल देखा गया. प्रवासी पक्षियों के दिखने से पक्षीविदों और पर्यावरण प्रेमियों में हर्ष है. ये पक्षी जोर गांव के पास जलस्त्रोत में देखे गये. यहां हर साल करीब एक सौ पचास प्रजातियों के पक्षी देखे जाते हैं. ये पक्षी पर्यावरण की अनुकूलता के चलते चार माह यहां रुकते हैं और प्रजनन के बाद फिर से लौट जाते हैं. हर साल नवंबर में ये पक्षी यहां आ जाते हैं, लेकिन इस बार सर्दी देर से शुरू हुई जिससे ये पक्षी भी देर से यहां पहुंचे हैं.
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