लोकतंत्र में वोट की क्या महत्ता है, इसकी नजीर पेश की डूंगरपुर जिले के नलवा गांव में रहने वाले एक आदिवासी परिवार ने. दरअसल नलवा गांव निवासी रिटायर फौजी 80 वर्षीय राजेन्द्र मेणात की पत्नी का 29 अप्रैल सुबह बीमारी के चलते निधन हो गया था लेकिन महिला के अंतिम संस्कार से पहले राजेन्द्र व उसके पांच बेटों व उनकी पत्नियों व परिवार के अन्य सदस्यों ने वोट डालने की पहल की. महिला के अंतिम संस्कार से पहले राजेन्द्र व उसके पूरे परिवार ने गुमानपुरा बूथ पर पहुंच इस दुख की घड़ी में भी लोकतंत्र के महायज्ञ में अपने वोट रूपी आहुति दी. इधर राजेन्द्र व उसके परिवार के लोकतंत्र के प्रति जज्बे को ग्रामीणों ने सलाम किया. इस मौके पर मृतका के परिजनों ने कहा की लोकतंत्र में वोट का अपना महत्व है जो कि सभी कामों से बढ़कर है. ऐसे में उसने व उसके परिवार ने अन्तिम संस्कार से पहले अपने मत का उपयोग किया. इस मौके पर मृतका के परिवारजनों ने देश के अन्य मतदाताओं से भी अपने सभी काम छोड़कर मतदान करने की अपील की.
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