पुलिस ने डकैत हरिया और उसके साथियों के ठिकानो पर निभैरा व राहिर के जंगलों में दबिश दी, लेकिन डकैतो का कोई सुराग नहीं लगा. डकैत हरिया गुर्जर अपने हथियाबंद साथियों के साथ चिरमिल गांव में अपने साथी रामेश्वर गुर्जर की मौत का पांच साल बाद बदला लेने के लिए आया था.
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