कहते हैं गुदड़ी में भी लाल छिपा होता है. ऐसा ही एक लाल है अंकित. उसने सीबीएसई की तरफ से मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में दाखिले के लिए जरूरी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट) की परीक्षा में 597वां रैंक हासिल कर अपने स्वर्गीय पिता बिनोद कुमार के सपनों को पूरा किया है. मां अनिता देवी घर में ही किराना दुकान चला कर अंकित और उसके भाई की पढ़ाई का खर्चा निकालती है. अंकित के पिता की दो साल पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. बिहार में बाढ़ स्टेशन के पास रहने वाले अंकित को भरोसा है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल जाएगा. वहीं उसकी मां अपने बेटे की खुशी में ही खुश है और कहती है कि पिता रहते तो बहुत खुश होते.
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