रवीन्द्र मंच सभागार में रंगदृष्टि संस्था की ओर से 'खजुराहो का शिल्पी' नाटक का प्रभावशाली मंचन हुआ. डॉ. शंकर शेष के इस नाटक का निर्देशन रंगकर्मी सूफियान खान ने किया. यह संसार में प्राचीनकाल से चले आ रहे वाले माया और मोक्ष के संघर्ष को नए ढंग से पेश करने का नाटककार का सफल प्रयास है. लाख कोशिशों के बाद भी संसार में काम भावना बनी रही है. मनुष्य की सकाम और निष्काम प्रवृतियां एक गतिशील भाव बनकर स्थाई है. अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष में काम का क्रम मोक्ष से हमेशा पहले रहा है, नाटक में जीवन के हर पहलू का चित्रण किया गया है, जो सांसारिकता से आध्यात्मिकता की अनुभूति करता है.
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